970*90
768
468
mobile

 फिएट करेंसी के नुकसान और फायदे क्या हैं?

Dr. Mukesh Jindal (CFA, PhD)
Dr. Mukesh Jindal (CFA, PhD) Jun 15 2022 - 7 min read
 फिएट करेंसी के नुकसान और फायदे क्या हैं?
फिएट करेंसी वह मुद्रा है जिसका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है लेकिन सरकार द्वारा कानूनी मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जाता है।

आपने शायद अपने दादा-दादी को अक्सर यह कहते सुना होगा कि उनके बचपन में 25 पैसे में एक या दो किलोग्राम चावल मिल जाता था। जब आपने अपने माता-पिता से पूछा कि उनके बचपन में एक किलो चावल की कीमत कितनी थी, तो वे बताते थे कि उनके समय में भी दोे किलो चावल दोे रुपये में तो मिल ही जाता था।

अब हमारा-आपका जमाना है जब एक या दो किलो चावल एक-दो रुपयेे में तो क्या, कई बार 50 रुपये के नोट में भी नहीं मिलता। इतना ही नहीं, हमारे पिताजी या दादाजी को सामान खरीदने के लिए सिक्के या नोट रखने पड़ते थे, लेकिन हम भुगतान डिजिटल माध्यम से भी कर सकते हैं।

वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें समय के साथ बढ़ती हैं। हालांकि यह इसलिए नहीं होता है क्योंकि सर्विस या उत्पाद का मूल्य बढ़ रहा है, बल्कि हमारी यह हमारी करेंसी या मुद्रा के मूल्य के कारण होता है। मुद्रा का मूल्य महंगाई पर भी निर्भर करता है। हालांकि इस लेख में हम महंगाई पर चर्चा नहीं करेंगे।

वैसे भी, क्या आपने कभी सोचा है कि कैसे एक प्रोडक्ट यानी उत्पाद या सर्विस यानी सेवा की कीमत ने दशकों में कैसे अलग-अलग आकार लिया है? उदाहरण के लिए, 25 पैसे के सिक्के आकार में छोटे और गोल होते थे। दूसरी ओर, दो रुपये के सिक्के भी गोल, मगर आकार में बड़े होते हैं। वहीं, जब 50 रुपये की बात आती है, तो अमूमन वे गोलाकार सिक्के नहीं होते हैं, बल्कि क्रेडिट कार्ड की तरह कागज के आयताकार टुकड़े होते हैं।

चलिए, यहां हम यह चर्चा करते हैं कि करेंसी या मुद्राएं कैसे विकसित हुईं और आज भी उनका अस्तित्व किस तरह बरकरार है। हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि कैसे एक कागज का टुकड़ा मौद्रिक मूल्य धारण कर सकता है और यह धारक को वह मूल्य किस तरह देता है।

फिएट करेंसी के बारे में

फिएट करेंसी वह मुद्रा है जिसका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है लेकिन सरकार द्वारा लीगल टेंडर यानी कानूनी मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जाता है। ऐतिहासिक रूप से, कागज की मुद्रा को सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं का समर्थन मिलता है। कहने का तात्पर्य यह है कि कागजी मुद्रा के मूल्य के बराबर सोने या चांदी जैसी बहुमूल्य धातुएं सुरक्षित रखी जाती हैं। होती हैं, लेकिन फिएट करेंसी के लिए किसी तरह की धातु का समर्थन जरूरी नहीं है, यह पूरी तरह से सरकार की विश्वसनीयता पर निर्भर करती है।

फिएट करेंसी का आविष्कार कमोडिटी और कागज या सिक्के की मुद्राओं के विकल्प के रूप में किया गया था। कमोडिटी मनी को मूल्य सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं से मिलता है, जबकि प्रतिनिधि मुद्रा का मूल्य उसकी मांग और आपूूर्ति पर निर्भर करता है। चीन ने सन 1,000 यानी आज से लगभग 1,000 वर्ष पहले के आसपास पहली फिएट करेंसी पेश की, और यह कुछ ही समय में दुनियाभर में फैल गई।

फिएट करेंसी को दुनिया भर में प्रमुखता तब मिली जब अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने 1971 में गोल्ड स्टैंडर्ड को हटा दिया था। अधिकांश देश जालसाजी और मुद्रा आपूर्ति पर कड़े नियंत्रण के साथ फिएट पेपर करेंसी का उपयोग करते हैं।

फिएट करेंसी के फायदे

फिएट करेंसी के कई फायदे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख ये हैं:

1. कमोडिटी और प्रतिनिधि धन व्यापार चक्र और अंतर्निहित परिसंपत्तियों के दाम में उतार-चढ़ाव के कारण अस्थिर होते हैं। दूसरी तरफ फिएट करेंसी का एक स्थापित सुसंगत मूल्य होता है।

2. किसी देश का केंद्रीय बैंक अपनी अर्थव्यवस्था की आवश्यकता के अनुसार कागजी मुद्रा का उत्पादन, भंडारण और रखरखाव कर सकता है। इससे उन्हें मुद्रा आपूर्ति, ब्याज दरों और बाजार में तरलता पर पूरा नियंत्रण प्राप्त होता है। फिएट करेंसी दुनियाभर में मूल्यवान और व्यापक रूप से स्वीकृत नकदी होती है क्योंकि यह विभिन्न करेंसी एक्सचेंज और पेमेंट नेटवर्क द्वारा स्वीकार की जाती है। चूंकि सरकारों का फिएट मनी की आपूूर्ति पर पूरा नियंत्रण होता है और वे अस्थिर वस्तुओं पर आधारित नहीं होते हैं, यह देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखती है।

फिएट करेंसी के नुकसान

फिएट करेंसी के संभावित नुकसान के बारे में नीचे उल्लेख किया गया है:

1. फिएट करेंसी को व्यापक रूप से ज्यादा स्थिर करेंसी माना जाता है। विशेष रूप से आर्थिक मंदी के मामलोें में आलोचकों का तर्क है कि करेंसी सीमित सप्लाई के साथ सोने पर आधारित होती है जो बेहतर स्थिरता देती है, लेकिन इसकी तुलना में फ़िएट करेंसी ज्यादा सप्लाई देती है।

2. जब किसी देश की अर्थव्यवस्था मंदी का सामना करती है, या लोगों का सरकार पर से विश्वास उठ जाता है, तो फिएट करेंसी का मूल्य शून्य हो सकता है।
3.फिएट करेंसी का उत्पादन या प्रिंट करने की शक्ति सरकार के पास होती है। इसलिए यह नागरिकों की क्रय शक्ति को चुरा सकती है, भले ही वे करों के भुगतान से इन्कार कर दें।

ऐसे उदाहरण के दौरान, सरकार फिएट करेंसी की सप्लाई को थोड़ा बढाएगी और फिर जिस चीज की उसे जरूरत है वह उसे खरीद लेगी। हालांकि पूंजी प्रवाह बढ़ते ही वह ग्राहकों को सतर्क कर देगी।

सरकार प्रचलन में नहीं है या क्षतिग्रस्त मुद्रा को बदलने के लिए नए बैंक नोट जारी करने के लिए मजबूर है। कभी-कभी, यह आवश्यकता से ज्यादा का धन बनाता है जिससे फिएट करेंसी के मूल्य का नुकसान होता है।

फिएट करेंसी बनाम क्रिप्टोकरेंसी

जब दुनिया क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फंजिबल टोकन (एनएफटी) जैसी डिजिटल परिसंपत्तियों द्वारा संचालित नए युग की अर्थव्यवस्था को अपनाने के कगार पर खड़ी है, तो उन्हें फिएट करेंसी के साथ तुलना करना अच्छा होगा।जैसा कि आपने देखा, फिएट करेंसी एक कानूनी मुद्रा है जिसे वैध माना जाता है। इसे सरकार और दुनियाभर के लोगों द्वारा मूल्यवान माना जाता है। दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी विकेंद्रीकृत मुद्रा है जिसे किसी भी सरकार या सक्षम केंद्रीय प्राधिकार का समर्थन हासिल नहीं है। वैसे, फिएट और क्रिप्टोकरेंसी दोनों किसी अंतर्निहित संपत्ति पर आधारित नहीं हैं।

फिर भी, क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करती है, जिससे असामाजिक तत्वों द्वारा जालसाजी या असीमित प्रिंटिंग लगभग असंभव हो जाती है। एक बात यह भी है कि क्रिप्टो मुद्राएं बेशक अत्यधिक अस्थिर हैं, लेकिन इनमें उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान की गारंटी होती है। कुछ देशों में हाल ही में इस पर व्यापक बहस शुरू हुई है कि क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी वैधता प्रदान की जाए या नहीं। यह एक संकेत है कि वे जल्द ही हमारे वित्तीय लेनदेन में फिएट करेंसी को बदल सकती हैं।

निष्कर्ष

फ़िएट करेंसी क्रय शक्ति के रूप में वित्त की दुनिया में आया और बार्टर सिस्टम की अक्षमताओं को खत्म किया। यह हमें आवश्यक उत्पादों या सेवाओं के लिए वस्तुओं का आदान-प्रदान किए बिना हमें जो चाहिए उसे खरीदने की अनुमति देता है।

जैसा कि आपने देखा, फिएट करेंसी सप्लाई पर सरकारों का पूरा नियंत्रण है। इसका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है। इसका मूल्य बाजार की आपूर्ति और मांग द्वारा निर्धारित की जाती है। हालांकि, फ़िएट करेंसी सप्लाई पर सरकारों के पूरे नियंत्रण के बावजूद इसके उत्पादन या प्रिंटिंग के समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फ़िएट करेंसी का मूल्य हद से ज्यादा गिर सकता है, जो अत्यधिक महंगाई को जन्म दे सकता है।

किसी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिरता, शासन, और ब्याज दरों पर इन कारकों का प्रभाव फिएट करेंसी के मूल्य को प्रभावित करता है। राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता फिएट करेंसी के मूल्य को कमजोर और उत्पादों व सेवाओं की लागत में वृद्धि कर सकती है।

संक्षेप में कहें, तो फिएट मनी अपने देश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता में देश के नागरिकों के दृढ़ विश्वास पर क्रय शक्ति के भंडारण माध्यम के रूप में सफलतापूर्वक चलती है। यह भी उनके विश्वास पर आधारित है कि फिएट मुद्रा उनके सभी वित्तीय लेनदेन को संतुष्ट करती है। यदि वह लंबे समय से चला आ रहा विश्वास खो जाता है, तो यह फिएट करेंसी के अंत का प्रतीक है।

(लेखक अल्फा कैपिटल के पार्टनर हैं।
अनुवाद: नितिका अहलुवालिया)

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities
Entrepreneur Magazine

For hassle free instant subscription, just give your number and email id and our customer care agent will get in touch with you

or Click here to Subscribe Online

Newsletter Signup

Share your email address to get latest update from the industry